नियति के क्रूर हाथों ने
ला पटका खुशियों से दूर,
बहे नयन से अश्रु अविरल
पलकें भींगने को मजबूर।
भरी कलाई,सिंदूर की रेखा
है चौखट पर बिखरी टूट के
काहे साजन मौन हो गये
चले गये किस लोक रूठ के
किससे बोलूँ हाल हृदय के
आँख मूँद ली चैन लूट के
छलकी है सपनीली अँखियाँ
रोये घर का कोना-कोना
हाथ पकड़कर लाये थे तुम
साथ छूटा हरपल का रोना
जनम बंध रह गया अधूरा
रब ही जाने रब का टोना
जीवन के कंटक राहों में
तुम बिन कैसे चल पाऊँगी?
तम भरे मन के झंझावात में
दीपक मैं कहाँ जलाऊँगी?
सुनो, न तुम वापस आ जाओ
तुम बिन न जी पाऊँगी
रक्तिम हुई क्षितिज सिंदूरी
आज साँझ ने माँग सजाई
तन-मन श्वेत वसन में लिपटे
रंग देख कर आए रूलाई
रून-झुन,लक-दक फिरती 'वो',
ब्याहता अब 'विधवा' कहलाई
बेहद मार्मिक..
जवाब देंहटाएंसादर..
सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंमॉर्मिक दिल को छूती हुई रचना ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 27 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही मार्मिक शब्द चित्र किसी अभागी लड़की का | जीवनसाथी विहीन जीवन की कल्पना मात्र से आम औरत डर जाती है | पर यदि यही सब आँखों के सामने साक्षात् घटित हो जाए तो उससे भयावह लम्हा शायद किसी नारी के लिए हो नहीं सकता ! नारी मन की वेदना का जो चित्र तुमने शब्दों में साकार किया है वह सराहना से परे है प्रिय श्वेता | यही है कविमन की सार्थकता जो किसी की अनकही वेदना को कह पाने में पूर्ण सक्षम होता है | निशब्द कर देने वाली रचना |
जवाब देंहटाएंमॉर्मिक रचना
जवाब देंहटाएंछलकी है सपनीली अँखियाँ
जवाब देंहटाएंरोये घर का कोना-कोना
हाथ पकड़कर लाये थे तुम
साथ छूटा हरपल का रोना
जनम बंध रह गया अधूरा
रब ही जाने रब का टोना
बहुत ही मर्मस्पर्शी सृजन ब्याहता का विधवा होना...विधवा शब्द ही अपने आप में एक अभिशाप है विधवा के अभिशप्त जीवन का बहुत ही मार्मिक शब्दचित्रण।
बहुत ही मर्म स्पर्शी रचना |
जवाब देंहटाएंबेहद मार्मिक
जवाब देंहटाएंदुःख के सागर में गोते सम अनुभूति ..... आह !
जवाब देंहटाएंSarkariexam Says thank You Very Much For Best Content I Really Like Your Hard Work. Thanks
जवाब देंहटाएंamcallinone Says thank You Very Much For Best Content I Really Like Your Hard Work. Thanks
9curry Says thank You Very Much For Best Content I Really Like Your Hard Work. Thanks
ओह , बहुत मार्मिक । क्या ऐसा दृश्य होना ज़रूरी है ?
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, हृदयस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना !
जवाब देंहटाएंअति सुंदर सृजन ।
बेहद मार्मिक
जवाब देंहटाएंरून-झुन,लक-दक फिरती 'वो',
जवाब देंहटाएंब्याहता अब 'विधवा' कहलाई
शानदार सृजन