शनिवार, 6 जनवरी 2018

हाइकु - मुक्तक....विभा रानी श्रीवास्तव


जपानी विधा में लिखी गई 
17 अक्षर और 3 पंक्तियों की 
व्यापक अर्थ लिए कविता को ही 
हम चार पंक्तियों में एक भाव पर 
चार हाइकु लिखें तो बनेगा।

1
सूखे ना स्वेद / अपहृत बरखा / रोता भदई
देख भू चौंकी / खाली बूँदें-बुगची / नभ मुदई
व्याकुल कंठ / भरे नयन सरि / चिंता में दीन
भादो है छली / घाऊघप बादल / द्वि निरदई

अपहृत = अपहरण हो गया 
घाऊघप = गुप्त रूप से किसी का धन हरण करने वाला 

2

लोभ प्रबल / भ्रमति है मस्तके / लब्धा का साया
ताने वितान / कष्टों का आवरण / नैराश्य लाया 
डरे वियोगी / ईर्ष्या में क्रोध संग / वितृप्त मनु
काया से माया / पीर से नीर बहे / बबाल छाया।

-विभा रानी श्रीवास्तव

12 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ी दीदी को नमन
    एक धृष्टता
    बिना पूछे आपकी रचना यहाँ ले आई
    सादर

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  2. उत्कृष्ट हिंदी शब्दों का सार्थक चयन अतुलनीय हाइकु।
    नमस्कार सुप्रभात।

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  3. वाह्ह्ह...दी गज़ब👌👌👌
    बहुत उम्दा हायकु है।

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  4. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 07 जनवरी 2018 को साझा की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. बेहद सुंदर एवं अर्थपूर्ण हायकू

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